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शनिवार, 7 अगस्त 2021

वायरल बुखार होने के कारण (Causes of Viral Fever in Hindi)

 

वायरल बुखार होने के कारण (Causes of Viral Fever in Hindi)


    आम तौर पर वायरल फीवर मौसम के बदलने पर प्रतिरक्षा तंत्र के कमजोर होने पर होता है। लेकिन इसके सिवा और भी कारण होते है जिनके कारण बुखार आता है।

    • दूषित जल एवं भोजन का सेवन
    • प्रदूषण के कारण दूषित वायु में मौजूद सूक्ष्म कणों का शरीर के भीतर जाना
    • रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी
    • वायरल बुखार हुए रोगी के साथ रहना

     

    वायरल फीवर होने के लक्षण (Symptoms of  Viral Fever in Hindi)

    वायरल फीवर के लक्षण (viral fever symptoms in hindi) सामान्य रूप से होने वाले बुखार की तरह ही लेकिन इसको नजरअन्दाज करने से अवस्था गंभीर हो सकती है क्योंकि इलाज के अभाव में वायरस के पनपने की संभावना रहती है। यह हवा और पानी से फैलने वाला संक्रमण है, यह बरसात के मौसम में ज्यादा होता है।

    वायरल संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन बच्चों में यह अधिक देखा जाता है। मौसम में बदलाव आने के कारण बच्चों में वायरल बुखार होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती। ऐसे में बच्चों में थकावट, खाँसी, संक्रामक जुकाम, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण (viral fever symptoms in hindi) देखने को मिलते है और तापमान अधिक होने के कारण डिहाइड्रेशन भी हो सकता है।

    इसके अलावा और भी कुछ आम लक्षण होते हैं-

    • थकान
    • पूरे शरीर में दर्द होना
    • शरीर का तापमान बढ़ना
    • खाँसी
    • जोड़ो में दर्द
    • दस्त
    • त्वचा के ऊपर रैशेज होना
    • सर्दी लगना
    • गले में दर्द
    • सिर दर्द
    • आँखों में लाली तथा जलन रहना।
    • उल्टी और दस्त का होना।
    • वायरल बुखार ठीक होने में 5-6 दिन भी लग जाते है। शुरूआती दिनों में गले में दर्द, थकान, खाँसी जैसी समस्या होती (viral fever ke lakshan) है।

     

    Viral Fever Ke Gharelu Ilaj

     

    वायरल फीवर कितने दिन रहता है (Duration of Viral Fever) 

    आमतौर पर यह 3-4 दिनों तक रहता है परन्तु इलाज के अभाव में यह 12-14 दिन (viral fever kitne din rehta hai) तक भी रह सकता है।

     

    वायरल फीवर से बचाव के उपाय (Prevention for Viral Fever in Hindi)

    अब तक आपने वायरल फीवर होने के लक्षण और कारणों के बारे में जाना। लेकिन कुछ सावधानियां बरतने पर यानि जीवनशैली में और खान-पान में थोड़ा बदलाव लाने पर इस रोग को होने से रोक सकते हैं।

    • खाने में उबली हुई सब्जियां, हरी सब्जियां खाना चाहिए।
    • दूषित पानी एवं भोजन से बचें।
    • पानी को पहले उबाल कर थोड़ा गुनगुना ही पिएँ।
    • वायरल बुखार से ग्रस्त रोगी के सम्पर्क में आने से बचें।
    • मौसम में बदलाव के समय उचित आहार-विहार का पालन करें।
    • रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनायें रखने के लिए आयुर्वेदिक उपचार एवं अच्छी जीवन शैली को अपनायें।

     

    वायरल बुखार से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्ख़े (Home remedies for Viral Fever Treatment in Hindi)

    आम तौर पर वायरल फीवर राहत पाने के लिए घरेलू नुस्ख़ो को ही अपनाया जाता है। इनमें वह चीजें होती हैं जो आसानी से घर में मिला जायें या उसको इस्तेमाल करने का तरीका आसान हो। चलिये इनके बारे में विस्तृत से जानते हैं।

    वायरल बुखार एक वायरस से संक्रमित समस्या है अत इसमें एंटीबायोटिक नहीं देनी चाहिए। यह बुखार कस से कम 3-4 दिन तथा ज्यादा से ज्यादा दो सप्ताह तक रह सकता है। वायरल बुखार के लिए आयुर्वेदीय चिकित्सा श्रेष्ठ है, यह कूपित दोषों को समावस्था में लेकर आती है।

     

    अदरक से वायरल बुखार में होने वाला दर्द होता है कम (Ginger : Home Remedy for Viral Fever in Hindi)

    वायरल बुखार में होने वाले दर्द में अदरक बेहद लाभदायक होता है। अदरक के पेस्ट में थोड़ा शहद मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर में लेने से आराम मिलता है।


     

    मेथी का पानी वायरल फीवर में फायदेमंद (Fenugreek Water Benefit to Treat in Viral Fever in Hindi)

    मेथी के दानों को एक ग्लास पानी में डालकर रात भर के लिए छोड़ दें और सुबह इस पानी को छानकर रख लें। इस पानी का सेवन हर दो घंटे में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करें।


     

    दालचीनी वायरल बुखार में गले का दर्द करता है कम (Cinnamon : Home remedies for Viral Fever Treatment in Hindi)

    वायरल फीवर में दालचीनी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक का काम करता है, इससे खाँसी-संक्रामक जुकाम एवं गले में दर्द जैसे लक्ष्णों में आराम मिलता है। एक कप पानी में एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर और दो इलायची डाल लें और इसको पाँच मिनट तक उबाल लें। इसे छानकर गरम ही पिएँ।

    Dalchini ke fayde


    वायरल बुखार में धनिया का सेवन है फायदेमंद (Coriander Seed Benefit to Boost Immunity and Treat Viral Fever in Hindi)

    धनिया के बीज वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की शक्ति को बढ़ाते है। धनिया में पाया जाने वाला वाष्पशील तेल प्रभावी रूप से वायरल फीवर को ठीक करता है।

    किशमिश वायरल बुखार में फायदेमंद (Raisin : Home Remedies for Viral fever treatment in Hindi)

    एक कप पानी में दो छोटी चम्मच किशकिश डालें और फूलने दें। आधे घंटे के बाद इसे इसी पानी में पीस लें और छान लें और इसमें आधे नींबू का रस मिलाकर पी लें।


    तुलसी वायरल बुखार  के लक्षणों से दिलाये राहत (Tulsi : Home Remedies for Viral Fever Treatment in Hindi)

    5-7 तुलसी के पत्ते और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबाल कर रख लें। हर दो घंटे के अंतराल में आधा कप की मात्रा में इसको पिएँ।


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