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शुक्रवार, 6 अगस्त 2021

सुगर क्या है: ब्लड शुगर को इन आसान टिप्स से करें कंट्रोल

 टाइप 1 डायबिटीज: सुगर का ऐसा रूप जिसमे आपका शरीर इंसुलिन नहीं बना पाए तो उसे हम टाइप-1 डायबिटीज का नाम देते है. यह बीमारी तब होती है जब आपके बॉडी का प्रतिरक्षा तंत्र अग्न्याशय में मौजूद उन कोशिकाओं को खत्म कर देती है जो इंसुलिन बनाने का काम करती है. यह समस्या बच्चों तथा युवाओं में अधिक देखी जाती है लेकिन यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है. अगर किसी को यह बीमारी है तो उन्हें जीवनभर इंसुलिन रोजाना लेना होता है.

    टाइप 2 डायबिटीज: यह बीमारी टाइप 1 डायबिटीज से थोड़ी अलग है. इसमें आपका शरीर इंसुलिन का उत्पादन तो करता है लेकिन वह काफी नहीं होता या वह ठीक से अपना काम नहीं करता. इस प्रकार का डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन मध्यम आयुवर्ग या बुढ़ापे में संभावना अधिक रहती है.

    चूँकि मधुमेह का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन आप अपने खून में सुगर के लेवल को नियंत्रित करके एक साधारण जीवन जरुर जी सकते है. ऐसे कई प्राकृतिक घरेलू उपचार हैं जिनको अपनाकर आप अपने सुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकते है. यहाँ पर मधुमेह को नियंत्रित करने के 10 सबसे कारगर घरेलू उपचार दिए जा रहे है. लेकिन फिर भी मधुमेह का स्टिक जांच और इलाज के लिए अपने डॉक्टर से बात जरुर करे.

    सुगर के लक्षण:

    मधुमेह के सबसे आम लक्षण है: थकान होना, वजन कम होना (हालाँकि कि आप खूब खाते हों), अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार और अधिक पेशाब लगना, आंखों की रोशनी का धुंधला होना और किसी चोट का जल्दी ना भरना.

    सुगर का इलाज:

    सुगर का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है आप इसे बस नियंत्रण में रख सकते हो. हमने इस पोस्ट में 10 ऐसे घरेलू उपाय बताये है जिससे सुगर को नियंत्रण में रखा जा सकता है. तो चलिए कुछ ऐसे घरेलू उपायों को जानते है जो सुगर को बढ़ने से रोक सकता है. याद रहे सबसे पहले अपने सुगर की जांच करे, डायबिटीज की पुष्टि होने के बाद अपने डॉक्टर के कहने पर इलाज शुरू करे.

    करेला:

    करेला मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी उपयुक्त साबित हो सकता है क्योंकि यह खून में ग्लूकोज को कम करने का गुण रखता है. यह हमारे पूरे शरीर के ग्लूकोज को प्रभावित करता है. यह अग्न्याशय में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है. इसलिए करेला दोनों ही प्रकार के मधुमेह (Type 1 और Type 2) में फायदेमंद होता है. हर रोज सुबह खाली पेट एक गिलास करेले का जूस पियें. इस प्रक्रिया को रोज सुबह लगातार 2 महीने तक अपनाएं. इसके साथ ही आप अपने भोजन में भी करेले की सब्जी को शामिल कर सकते है.

    दालचीनी:

    दालचीनी के पाउडर में इंसुलिन की गतिविधि को तेज करने की शक्ति होती है, जिससे सुगर लेवल कम होता है. डायबीटीज के इलाज के लिए दालचीनी को बेस्ट इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें ऐंटिऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते है. कुछ शोधों से यह साबित हुआ है कि टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दालचीनी काफी प्रभावशाली साबित हो सकता है. आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को 1 कप पानी में घोलकर रोज पिये. दालचीनी की लकड़ी के 3-4 टुकड़ों को 1 कप पानी में 20 मिनट तक उबालकर इसका सेवन करेआप दालचीनी के पाउडर को अपने खाने में भी डालकर इस्तेमाल कर सकते है. याद रहे एक दिन में 3-4 ग्राम से ज्यादा दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका ज्यादा सेवन करने से पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती है.

    मेथी:

    एक स्टडी के मुताबिक रोजाना 10 ग्राम मेथी दाना को गर्म पानी के साथ पीने से टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रण किया जा सकता है. मेथी दाना इतना प्रभावशाली होता है की वह ब्लड शुगर के लेवल को कम कर सकता है. इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पाचन क्रिया की गति तेज करता है. इसके साथ ही यह शरीर द्वारा शुगर के इस्तेमाल को भी बेहतर करता है. मेथी दाना का पानी आप काफी आसानी से बना सकते हो इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करना नहीं होता. सबसे पहले एक से डेढ़ चम्मच मेथी दानों को रात के समय एक गिलास साफ पानी में रख दे. सुबह उठने के बाद इस पानी को अच्छे से छान लें फिर इसे आप खाली पेट पी सकते है.

    आमला:

    आंवला में विटामिन C, विटामिन AB कॉम्‍प्‍लेक्‍स, पोटैशिम, कैलशियम, मैग्‍नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और डाययूरेटिक एसिड पाए जाते है. आंवला को प्राचीन समय से ही आयुर्वेद के रूप में कई तरह के रोगों के उपचार के लिए इस्‍तेमाल किया जा रहा है. ऐसा भी कहा जाता है की आंवला 100 रोगों की एक दवा है. आंवला में क्रोमियम तत्‍व मोजूद होते है जो इंसुलिन हारमोंस को मजबूत कर खून में शुगर लेवल को नियंत्रित करते है. अगर आपको भी सुगर की बीमारी है तो आंवले के रस में शहद मिलाकर रोजाना पीने से बहुत आराम मिलेगा.

    जामुन:

    अगर कोई डायबिटीज की सम्स्य से परेशान है तो जामुन रामबाण साबित हो सकता है. जामुन में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम, आयरन, विटामिन, ग्लूकोज और फ्रक्टोज भी पाया जाता है जो सुगर नियंत्रित करने की क्षमता रखता है. सुगर के मरीज के लिए जामुन के पत्ते, जड़, बीज, फल सभी फायदेमंद होते है. जब जामुन बाजार में उपलब्ध हों तो इन्हें अपने भोजन में जरुर शामिल करें. आप जामुन के बीजों का पाउडर बनाकर भी दिन में 2 बार पानी के साथ सेवन कर सकते है.

    आम के पत्ते:

    शायद आपको पता ना हो आम के पत्तों में काफी मात्रा में विटामिन ए, बी, सी, तांबा, पोटेशियम और मैग्‍नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं. डायबिटीज, अस्थमा के साथ-साथ कई और रोगों में आम के पत्ते का प्रयोग काफी लाभदायक होता है. रात में 10 से 15 कोमल आम की पत्तियों को पानी में भिगोकर रख दे सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी ले. आम की पत्तियों को सुखाकर उसका पाउडर बना ले इस पाउडर को आधा चम्मच सुबह-शाम रोज पानी के साथ सेवन करे. 

    करी के पत्ते:

    करी का पत्ता भारतीय आहार में काफी इस्तेमाल होता है खासतौर से साउथ इंडिया और महाराष्ट्र. स्वाद के साथ ही इसमें आयुर्वेदिक गुण भी पाए जाते है. करी पत्ता एंटिऑक्सीडेंट के रूप में काम कर सकता है. इसमें बिटा कैरोटिन जैसे एंटिऑक्सीडेंट पाया जाता है. इसके साथ ही साथ करी पत्ते में विटामिन सी भी भरपूर होता है. अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) या दिल की बीमारी है तो उनके लिए करी पत्ता काफी फायदेमंद है. इसलिए आप रोज सुबह 10 करी के पत्तों को चबाकर खाएं अच्छे परिणाम पाने के लिए इस प्रक्रिया को प्रतिदिन लगातार 4 महीनों तक अपनाएं. आप चाहे तो करी पत्ते का जूस बनाकर भी रोज सुबह पी सकते है.

    एलोवेरा:

    एलोवेरा में एमिनो एसिड, एंजाइम, विटामिन्स, मिनरल्स और फैटी एसिड्स जैसे तत्व पाए जाते है. एलोवेरा में इमोडिन नाम का तत्व भी पाया जाता है जो शरीर में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करता है. एलोवेरा जेल को तेजपत्ता और हल्दी के साथ सेवन करने से मधुमेह को कम करने में काफी मदद मिलती है. इस हर्बल उपाय को बनाने के लिए 1 चम्मच एलोवेरा जेल में आधा-आधा चम्मच तेजपत्ता पाउडर और हल्दी मिला ले. अब इसे अच्छी तरह से मिक्स कर ले. इस मिश्रण को रोज दिन में 2 बार सेवन करे.

    अमरुद:

    एक शोध के मुताबिक अमरूद अल्फा-ग्लूकोसिडेस नामक एंजाइम के कार्य को कम करता है, जो ब्लड में ग्लूकोज को भोजन में परिवर्तित करता है. इससे आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है. बहुत से डायबिटीज मरीजो को कब्ज की शिकायत रहती है इसके उपचार के लिए अमरुद में फाइबर भी पाया जाता है. अच्छा परिणाम पाने के लिए अमरुद के ऊपरी कवर को छीलकर कर अलग कर दें और फिर सेवन करे. याद रहे अमरुद का अत्यधिक सेवन नहीं करना है.

    भिंडी:

    भिंडी एक ऐसी सब्जी का नाम जो भारत में काफी चाव से खाया जाता है. शायद ही किसी को इसके फायदे के बारे में पता हो. भिंडी में प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइट्रेड, कैल्शियम, फास्‍फोरस, आयरन, मैग्‍नीशियम और पोटेशियम पाए जाते है. इसके अलावा भिंडी में काफी मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन क्रिया को ठीक करता है. इन सभी कारणों से भिंडी को सुगर के मरीज के लिए उचित आहार माना जाता है. भिन्डी को टुकडो में काट लें और पानी में भिगोकर रातभर के लिए रख दे. सुबह इसे छानकर भिन्डी को अलग कर दे और पानी को पी ले. इसके अलावा भिंडी को अपने भोजन में भी शामिल करे.

    सुगर नियंत्रण के अन्य टिप्स:

    • हमेशा अपने बढ़ते हुए वजन पर ध्यान रखे. मोटापा अपने साथ काफी बिमारियों को साथ ले कर आता है उनमे से एक सुगर भी है. मोटापा कम करने के लिए हमारे पिछले पोस्ट को जरुर पढ़े.
    • हमेशा धुम्रपान या किसी दुसरे प्रकार के नशे से दूर रहे.
    • अगर आप व्यायाम नहीं करते तो सुगर जैसी बिमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है. इसलिए रोजाना आधा घंटा जितना समय व्यायाम को दे.
    • पर्याप्त नींद काफी जरुरी होती है. यह आपके दिमागी संतुलन तथा आपके शरीर के लिए भी काफी आवश्यक है. इसलिए कम से कम 8 घंटे जितनी नींद जरुर पूरी करे.
    • हमेशा मन को शांत रखे और तनाव से दूर रहे. इसके लिए आप योग तथा मेडिटेशन का सहारा ले सकते है.
    • कम से कम मीठा खाए. ज्यादा मीठा खाने से आपका सुगर लेवल बढ़ जाता है.
    • डायबिटीज की नियमित रूप से जांच करते रहे. इससे आपको पता चलता है आपका सुगर नियंत्रण में है या नहीं.
    • सुगर के मरीजों को अपने आहार का काफी ध्यान रखना होता है. इसलिए पोष्टिक आहार लेना आवश्यक है जो आपके सुगर को नियंत्रण में रखे. इस पोस्ट में हमने आपको ऐसे 10 घरेलू उपाय बताये है जो आपके सुगर को नियंत्रण में रखते है.

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