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शनिवार, 11 अप्रैल 2020

एड्स तथा एड्स से बचने के घरेलू उपाय | Aids se Bachne ke ghrelu upay

एड्स तथा एड्स से बचने के घरेलू उपाय | Aids se Bachne ke ghrelu upay 

आज का नुस्खा | Apnailaj

आज का नुस्खा


एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिसिएंसी सिंड्रोम): इस रोग में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो जाती है और यह इम्यूनो डिफिसिएंसी वायरस (एचआईवी) की वजह से होता है। एचआईवी दो प्रकार के होते हैं– HIV-1 और HIV-2. एड्स से संबंधित फिलहाल सबसे आम वायरस HIV-1 है| अफ्रीका के जंगली हरे बंदरों के खून में पाया जाने वाला सिमीयन इम्यूनो डिफिसिएंसी वायरस (एसआईवी) HIV-2 के जैसा ही है। एचआईवी एक रेट्रोवायरस है। यह आरएनए से डीएनए बना सकता है। एचआईवी से प्रभावित होने वाली प्रमुख कोशिका सहायक टी– लिम्फोसाइट है| यह कोशिका सीडी–4 रेसेप्टर के रूप में होती हैं। एचआईवी धीरे– धीरे टी– लिम्फोसाइट्स को नष्ट कर देता है। जिसके कारण मरीज में कभी– कभी लिम्फ नोड्स में हल्का सूजन, लंबे समय तक चलने वाला बुखार, डायरिया या अन्य गैर– विशिष्ट लक्षण दिखाई देते हैं| 

एड्स के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यः भारत में सबसे पहली बार एड्स का मामला 1986 में पता चला था और उस समय रोग अपने अंतिम चरण में था। एचआईवी एंटीबॉडीज का पता एलिजा(ALISA) टेस्ट (एंजाइम– लिक्ड इम्यूनो सॉर्बेंट ऐसे) से लगाया जा सकता है। दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाता है।

आयुर्वेद के द्वारा एचआईवी का इलाज-
एआईडीएस के शारीरिक लक्षणों से निपटने के लिए अपनी उबरने की योजनाओं को और उन्नत करें. एड्स जैसी लाइलाज बीमारी के इलाज को लेकर वैज्ञानिकों ने नई उपलब्धि हासिल की है. वैज्ञानिकों ने जरेनियम, जिसे आयुर्वेद में कषायमूल वनस्पति भी कहते हैं, से एड्स के वायरस को खत्म करने का दावा किया है. इस आयुर्वेदिक पौधे के महत्व को म्यूनिख के जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर इन्वॉयरमेंटल हेल्थ के रिसर्चस ने इस पौधे की मदद से एचआईवी-1 वायरस को रोकने का दावा किया है. रिसर्चस का मानना है कि जरेनियम की जड़ में कुछ ऐसे तत्व हैं जो ह्यूमन सेल्स को एचआईवी-1 वायरस का प्रवेश रोकने के लिए मजबूत बनाता है और प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत करता है. शोधकर्ता रूथ रैक वार्नर के अनुसार, ''इस पौधे के इस्तेमाल से एड़्स के उपचार की दिशा में बड़ी उपलब्धि मिली है. कई दवा कंपनियों ने इस पौधे के इस्तेमाल से एड्स की दवाएं तैयार करने के लाइसेंस की प्रयास भी शुरू कर दिया है.''

सेवन करने योग्य आहार-
* फल और सब्जियाँ.
* साबुत अनाज
* दालें
* लीन मीट
* कम फैट वाले आहार

इनसे करें परहेज-
* मिठाइयाँ
* शीतल पेय
* शक्कर युक्त आहार
* शराब

Posted by vikash yadav

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